Friday 7 July 2017

Zindgi.....





गुजरी  हुई  ज़िंदगी  को कभी याद न कर , तक़दीर मे  जो  लिखा है उसकी फ़रियाद ना कर , जो होगा वो होकर रहेगा , तू कल की फ़िक्र मे  अपनी आज की हसी बर्बाद मत कर।

हंस मरते हुए  भी गाता  है मोर नाचते हुए  भी रोता  है,ये ज़िंदगी का  वसूल है दुखो वाली रात नींद नहीं आती, और ख़ुशी वाली रात सोता कौन  है।  

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